सुदूर पहाड़ी अंचल में विधिक और साइबर अपराध जागरूकता अभियान का सफल आयोजन

कवर्धा : अतुल्य भारत डेली न्यूज़ एजेंसी –

जिले के सुदूर और पहाड़ी क्षेत्रों में साइबर अपराधों और विधिक अधिकारों की जानकारी फैलाने के उद्देश्य से ग्राम कोटनापानी (ग्राम पंचायत कुकरापानी) में विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को विधिक प्रावधानों, साइबर सुरक्षा, और अंधविश्वास से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूक करना था।  

शिविर का आयोजन पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह छवई (IPS) के दिशा-निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल एवं पंकज पटेल के मार्गदर्शन, और थाना प्रभारी तारण दास डहरिया के नेतृत्व में किया गया।  

थाना प्रभारी तारण दास डहरिया ने ग्रामीणों को ऑनलाइन ठगी, बैंक फ्रॉड, और अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचने के उपाय बताए। उन्होंने राहगीरों और ग्रामीणों को अनजान व्यक्तियों द्वारा धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वालेंटियर चंद्रकांत यादव ने निःशुल्क विधिक सहायता और पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र से जुड़े अंधविश्वासों के दुष्परिणामों के बारे में बताया गया। बाल विवाह की रोकथाम और नाबालिग बच्चों के अधिकारों पर ग्रामीणों को शिक्षित किया गया।  

शिविर के दौरान चलित थाना लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनी गईं। बाहरी व्यक्तियों के आवागमन और ठेकेदारों के माध्यम से मजदूरी पर जाने वाले ग्रामीणों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। पुलिस ने ग्रामीणों को स्थानीय अपराधों की सूचना तत्काल देने का आग्रह किया। 

शिविर में ग्राम सरपंच मोती बैगा, प्रधान आरक्षक वीरेंद्र बंजारे, आरक्षक विलकेश कोशरिया, और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम की उपस्थिति रही। पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह छवई (IPS) ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि जिले में सुरक्षा और जागरूकता के लिए ऐसे कार्यक्रम आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस और जिला प्रशासन नागरिकों के लिए हर संभव मदद और सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या समस्या की सूचना तुरंत पुलिस को दें। तरेगांव जंगल थाना स्टाफ और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम के द्वारा भविष्य में भी ऐसे जागरूकता अभियान आयोजित किए जाएंगे ताकि ग्रामीणों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति अधिक सजग बनाया जा सके l

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