अवैध प्लाटिंग से भूमाफिया हो रहे मालामाल, काली कमाई के नीचे दबे हैं जिम्मेदार अधिकारी

कवर्धा: अतुल्य भारत डेली न्यूज़ एजेंसी l छग राजस्व विभाग और रेरा के नियम-कानून को ताक पर रख कवर्धा नगर व आस पास के ग्राम पंचायतों में वर्षों से कृषि भूमि को अवैध प्लाटिंग कर जमीन की खरीदी बिक्री की जा रही है। अवैध काम में भूमाफियाओं को स्थानीय पटवारियों व राजस्व अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है, जिसके चलते अब तक इन भूमाफियाओं पर कार्यवाही नहीं हुई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कवर्धा नगर के राजनांदगांव – रायपुर बाईपास स्थित खसरा नबर 415, 415/6, 415/7 एवं 415/8 जो कि कृषि भूमि में दर्ज हैं को अवैध रूप से कई टुकडों में काट कर बिक्री कर दिया गया है। उक्त खसरा पर अवैध रूप से प्लाटिंग करते हुए मुरूम डालकर रास्ता बनाया गया है और अवैध प्लाटिंग कर टुकड़ों में बेचा जा रहा है।

आपको बता दें कि उक्त खसरा क्रमांक 415 की भूमि पर मालिकाना हक को लेकर वारिसों के मध्य विवाद सिविल न्यायालय में मामला चल रहा है जो विचाराधीन है। अब सोचने वाली बात यह है कि विवादित भूमि को विक्रय हेतु पटवारी द्वारा नकल कैसे जारी कर दिया गया है। उक्त खसरा को टुकड़ों में रजिस्ट्री के लिए नकल जारी किया गया है एवं टुकड़ों में बिक्री रजिस्ट्री भी कर दी गई है।

अधिकारियों के सहयोग से की गई अवैध प्लाटिंग

इसके लिए न तो रेरा के नियमों का पालन किया गया है और न ही कलेक्टर की अनुमति ली गई है। क्षेत्र में ऐसे ही कई और भी मामले हैं जिनमें अवैध प्लाटिंग कर भूमि की बिक्री की गई है। इन मामलों में राजस्व विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदेहास्पद हैं। क्योंकि इनके सहयोग के बिना भूमि की खरीदी बिक्री करना संभव ही नहीं है।

भूमाफियाओं से शासन को हो रही आर्थिक क्षति

बिना डायवर्सन के भूमि को कई टुकड़ो में काट कर करोडों की कमाई भूमाफिया कर रहे हैं और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। ऐसे अवैध प्लाटिंग वाले खसरों में खरीदी बिक्री की निष्पक्ष जांच किया जाए तो कई पटवारी व अधिकारियों पर गाज गिर सकती हैं।

जमीन की खरीद-बिक्री में भू माफिया हो रहे मालामाल

अवैध प्लाटिंग कर जमीन की खरीद बिक्री में भू माफिया मालामाल हो रहे है। कम पढ़े लिखे किसानों को झांसे में लेकर कम दाम में जमीन का सौदा कर बगैर प्रशासनिक अनुमति के अवैध प्लाटिंग की जा रही है। इन प्लाटों के लिए कोई रास्ता निर्धारित नहीं हैं, इसके चलते भू-माफिया खुद ही मुरुम की सड़क बनाकर इसे बेहतर प्लाट दिखाकर खरीददारों को झांसा देने में लगे हुए हैं। उक्ताशय की प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है।

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