पंडरिया शक़्कर कारखाना मे किसानो के गन्ना के रिकवरी दर मे कमी, 38 रुपय प्रति क्विंटल मिलेगा कम
पंडरिया । अतुल्य भारत डेली न्यूज़ एजेन्सी :- सरदार वल्ल्भ भाई पटेल शक़्कर कारखाना पंडरिया के गन्ना रिकवरी दर मे शक़्कर मील के एम डी एवं विधायक जी कि मिली भगत के कारण कमी आई है जबकि पिछले वर्ष 270582 मैट्रिक टन पैराई हुआ था इस वर्ष गन्ना पैराई 313000 मैट्रिक टन हुआ है यानि इस वर्ष 42418 मैट्रिक टन अधिक पैराई हुआ है और रिकवरी दर मे भी बढ़ोतरी हुआ है पिछले वर्ष 2022-23 मे रिकवरी दर 13.15% आया था और इस वर्ष 2023-24 मे रिकवरी दर बढ़ोत्री होकर लगभग 14% आया है लेकिन पंडरिया विधायक और पंडरिया शक़्कर मील के MD मिली भगत कर इस वर्ष कि रिकवरी दर 12.78% बता रहे है जो कि गलत है जिसके कारण पंडरिया के किसानो को प्रति क्विंटल 38 रुपय कम मील रहा है जिससे किसानो को 12 करोड़ रुपये नुकसान हो गया है जिसका जिम्मेदार शक़्कर मील के एम डी सतीश पाटले एवं पंडरिया विधायक का भ्र्ष्टाचार है ये दोनों मिलकर पंडरिया के किसानो का भारी नुकसान किया है!
विधायक की निष्क्रियता एवं भ्र्ष्टाचार से पंडरिया किसानो का 12 करोड़ रुपया का हुआ नुकसान
पंडरिया शक़्कर कारखाना मे ये दोनों ने मिली भगत कर भ्रष्टाचार करने के लिए बहुत सारे काम करने वाले ईमानदार कर्मचारी एवं प्लेसमेंट ठेकेदार को बिना कारण बताये नौकरी से निकाल दिए है क्योंकि ईमानदार कर्मचारी के मिल मे रहने से ये दोनों भ्र्ष्टाचारी एम डी एवं विधायक भ्र्ष्टाचार नहीं कर पाते इसलिए बहुत सारे लोग को बिना कारण बताये मील से निकाल दिए है और अपने चहते को भ्रष्टाचार करने के लिए मिल मे नया लोगो को नौकरी मे रखे है !
किसानो को जो नुकसान हुआ है उसका एम डी सतीश पाटले एवं पंडरिया विधायक करे भरपाई, नहीं तो होगा उग्र आंदोलन
पिछले 15 साल के डॉ रमन जी के सरकार मे 15 साल किसानो को एक रुपय भी रिकवरी दर कि राशि नहीं मिला था भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने किसानो कि रकवरी दर कि राशि भ्रष्टाचार कर डकार जाते थे छत्तीसगढ़ मे भूपेश बघेल जी के सरकार बनने के तुरंत बाद किसानो को गन्ना रिकवरी दर कि राशि पूरा पांच साल मिला है 15 साल भारतीय जनता पार्टी कि सरकार मे किसानो को रिकवरी राशि क्यों नहीं मिला और इस वर्ष 2023-24 मे रोकवरी दर कम क्यों हुआ कवर्धा जिला के किसान जवाब मांग रहे है।
बाहरी और उद्योगपति एवं VIP कल्चर वाले के विधायक बनने से गांव गरीब और किसान का होता है भारी नुकसान