हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है, हिन्दू धर्म में गाय को पवित्र और पूजनीय माना जाता है, और इसे ‘गौ माता’ के रूप में पूजा जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार गाय को देवी-देवताओं का वास माना जाता है, और इसका दूध, गोबर, मूत्र आदि सभी उपयोगी माने जाते हैं। गाय को माता मानने के पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं।

कवर्धा : अतुल्य भारत [डेली न्यूज़ एजेंसी] जहां एक ओर देश दुनिया में गौ तस्करी जैसे अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं, और साथ ही लगातार गौ तस्करी करने वाले अपराधी पकड़े जा रहे वही दूसरी ओर छत्तीसगढ़ सरकार भी गौ संरक्षण की दिशा में कार्य करते हुए गौ अभ्यारणयों का निर्माण करा रहा ।
इसी बीच बोड़ला से भी एक बड़ी ख़बर की जानकारी अतुल्य भारत की टीम को मिली है, जहाँ बोड़ला के वार्ड नं. 08 की निवासी एक आम महिला जो रोजाना बाजार में बैठकर चने-मुर्रे बेचकर अपने व अपने परिवार का पेट पालती हैं।

जिन्होंने गौ सेवा के क्षेत्र में बड़े-बड़े धनी व्यक्ति, गौ सेवकों और दानदाताओं को भी पीछे छोड़ दिया था। आपको बता दें यह महिला कबीरधाम जिले में लगातार चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
बोड़ला नगरवासी सहित अनेक समाजसेवी भी उन्हें मंच प्रदान कर सम्मानित कर चुके हैं, कुछ लोग हाल ही में उनके घर पहुँच उनको साल, साड़ी और श्रीफल देकर उनका आभार व्यक्त करते नजर भी आ रहे।

जी हाँ हम बात कर रहे बोड़ला की दानी और गौसेवी महिला धानबाई निषाद की, जिसके बारे में राधाधाम गौशाला के गौ सेवकों ने जो बोड़ला नगर पंचायत में गौ सेवा के क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। उन युवा टीम के सदस्य कीर्ति केशरवानी ने बताया कि आज से करीब 10 वर्षों पूर्व सड़क दुर्घटना में घायल पशुधन को सुरक्षित रखने एवं देखभाल करने साथ ही इधर-उधर भटक रहे गायों के संरक्षण के लिए लगभग सवा एकड़ जमीन छपरी (भोरमदेव) स्थित श्री राधामाधव गौशाला को दान में दे दिये थे।
इसी कड़ी में एक और गौशाला के बारे आपको बता दें जो बोड़ला क्षेत्र में सक्रिय है, ज्ञात हो कि बोड़ला बस्ती से होकर बिलासपुर-जबलपुर नेशनल हाइवे गुजरता है, जिससे कि आये दिन बड़े-बड़े वाहन (ट्रक, हाइवा, बस) और तेज रफ़्तार वाहनों की चपेट में आकर अनेकों गायों की मौत और घायल होने की खबरें आती हैं, बोड़ला स्थित राधाधाम गौशाला के युवा टीम उन्ही जरूरत मंद गायों का निःस्वार्थ भाव से इलाज व सेवा कर रहे हैं। इस गौशाला को मुकेश साहू, नितेश साहू, कामेश साहू, मनीष निर्मलकर, जगजीवन हठीले, मिट्ठू लाल साहू,दीपचंद साहू, महेश साहू एवं कीर्ति केशरवानी द्वारा बोड़ला में स्वयं के निजी जगह पर लगभग 6 डिसमिल चलाया जा रहा है, जिन्होंने प्रेरणास्रोत गौभक्त महिला धानबाई निषाद से मुलाक़ात कर आभार व्यक्त किया एवं मार्गदर्शन लिया।
