पंडरिया शक्कर कारखाना बना सत्ताधारी भ्रष्टाचारियों का चारागाह: आकाश केशरवानी

कवर्धा: अतुल्य भारत डेली न्यूज़ एजेंसी l  सत्ता परिवर्तन के बाद जिले की विधानसभा पंडरिया में संचालित लौह पुरूष सरदार वल्ल्भ भाई पटेल सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना को मौजूदा कारखाना प्रशासन ने औहदेदार सत्ताधारी क्षेत्रीय विधायक के संरक्षण में अपने भ्रष्टाचार का चारागाह बना लिया है। उक्त बातें कांग्रेस के युवा नेता आकाश केशरवानी ने जारी बयान में कहीं। श्री केशरवानी ने कहा कि हाल ही में कारखाना के नवीन गन्ना पेराई सत्र एवं गन्ना खरीदी के शुभारंभ अवसर पर पंडरिया विधायक  भावना बोहरा ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि कांग्रेस के शासनकाल में पंडरिया शक्कर कारखाना में जरूरत से ज्यादा और बेवजह भरे गए लोगों को उनकी भाजपा सरकार आने के बाद कारखाना से निकाल दिया गया है। लेकिन सच्चाई ये है कि विधायक इस मामले में सरासर झूठ बोलकर लोगों को भ्रमित व गुमराह कर रही है। आकाश केशरवानी ने कहा कि पंडरिया शक्कर कारखाना में अपने चहेतों को भरने का खेल तो सत्ता परिवर्तन के बाद ही शुरू हुआ है। केशरवानी ने कहा कि कारखाना से प्राप्त दस्तावेेज और क्षेत्रीय विधायक के बयान में विरोधाभास है। क्योंकि पंडरिया शक्कर कारखाना में सत्ता परिवर्तन के बाद 2 फरवरी 2024 से लेकर 2 अगस्त 2024 तक लगातार नए और विधायक के चहेते लोगों की भरती की गई है। जो कारखाना प्रशासन द्वारा दिनांक 2 फरवरी 2024 से लेकर 2 अगस्त 2024 तक श्रमिकों को जारी आईडी क्रमांक 1093 से लेकर 1157 तक यही दर्शा रही है। वहीं विधायक और कारखाना प्रबंधन को यह भी जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए की कारखाना में रखे गए कितने श्रमिक नौकरी कहीं और बजा रहे हैं लेकिन उनका मासिक वेतन कारखाना से भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में विधायक का ये कहना की हमने अतिरिक्त लोगों को निकाला है कहीं से लोगों को हजम नहीं हो रहा है। वहीं आकाश केशवानी ने आरोप लगाया कि भाजपा के सत्ता में आने बाद ही पहली बार पंडरिया शक्कर कारखाना के स्थापना के बाद रिक्वरी कम दिखाई गई और कम रिक्वरी दिखाकर करोड़ों रूपए का शक्कर घोटाला किया गया। इस मामले को लेकर किसानो के साथ ही किसानो के संगठन भारतीय किसान संघ तथा कांग्रेस ने धरना, प्रदर्शन भी किया था। जिसके बाद शासन ने इस मामले में कारखाना में पदस्थ तात्कालिक एमडी को छुट्टी में भेज दिया था। लेकिन कुछ दिन बीतने और मामला शांत पडऩे के बाद अब इस कमाऊपूत अधिकारी को पुन: वापस बुला लिया गया है और जिले के सहकारिता विभाग के पड़े पद पर बैठा दिया गया ताकि वे समय-समय पर अपने भ्रष्टाचारी कारनामों का हुनर यहां भी दिखाकर अपने आका को चढ़ौत्री चढ़ाते रहें। आकाश केशरवानी ने कहा कि आरोपों पर सफाई देने का अधिकार सभी है का लेकिन सफाई कम से कम ऐसी दें की लोगों के गले भी उतर सके। लेकिन पंडरिया विधायक की सफाई गले उतरने लायक नहीं है बल्कि पंडरिया शक्कर कारखाना में बीते नौ माह में किए गए भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली है।

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