कवर्धा। चेम्बर के जिलाध्यक्ष आकाश आहूजा ने बताया कि प्रदेश मे विधानसभा चुनाव के पहले आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कवर्धा समेत पूरे प्रदेश के व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई है। जांच अधिकारियों के द्वारा जांच के दौरान व्यापारियों से उन सामानों के लिए भी ई वे बिल की मांग की जा रही है जिसमें इसकी जरूरत ही नहीं है, साथ ही व्यापारी नगदी संचलन संबंधित अनावश्यक परेशानियों से भी जूझ रहे है।
इसी संबंध में चेम्बर के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में महामंत्री अजय भसीन, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंह देव सहित प्रतिनिधि मण्डल ने छत्तीसगढ़ मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले से मिलकर प्रदेश भर में चौक चौराहों/ चेक पोस्ट मे व्यापारियों को ई वे बिल एवं नगदी संचलन संबंधित परेशानियों से अवगत कराया जिस पर श्रीमती कंगाले ने सकारात्मक आश्वासन दिया है।
चेम्बर ने छत्तीसगढ़ शासन के राजपत्र क्रमांक एफ 10-31/2018/वाक/पाँच(46) का हवाला देते हुए बताया कि राजपत्र के कॉलम 2 और कॉलम 3 में 15 प्रकार के मालों को लेकर स्पष्ट रूप से यह उल्लेख किया गया है कि ऐसे मालों का संचलन छत्तीसगढ़ के किसी अन्य जिले के क्षेत्र से आरंभ होकर राज्य के किसी भी जिले के क्षेत्र मे समाप्त होता है तो ऐसे वस्तुओं को छत्तीसगढ़ राज्य में अंतरराज्यीय संचालन के लिए ई वे बिल आवश्यक नहीं है। परंतु प्रदेश के जिलों के चौक चौराहों/ चेक पोस्ट में व्यापारियों से जांच अधिकारी द्वारा ई वे बिल की मांग कर परेशान किया जा रहा है। जैसे सोने चांदी के आभूषणों, वनस्पति एवं खाद्य तेल, कनफेक्शनरी, पान मसाला, तंबाकू उत्पाद, प्लाई वुड, फाइबर बोर्ड, टाईल्स सेरेमिक, आयरन एंड स्टील, इलेक्ट्रिकल उत्पाद, मोटर वाहन और पार्ट्स, फर्नीचर, मिनरल वाटर, बेवरेज, सीमेंट, एलुमिनीयम उत्पाद, मशीनरी व मैकेनिकल एप्लायसेंस के लिए ई वे बिल की जरूरत नहीं होती है फिर भी पुलिस सामान रोक कर त्योहारी मौसम में व्यापारियों को परेशान कर रही है।
चेम्बर ने त्योहारी सीजन को लेकर चिंता जाहीर करते हुए कहा कि कवर्धा के व्यापारी प्रदेश के बड़े शहरों मे व्यापारिक कार्यों से आवागमन करते है चूंकि अभी नवरात्री, दशहरा एवं दीपावली, जैसे बड़े त्योहार है जिसमे व्यापारियों के द्वारा बड़ी मात्रा में माल परिवहन तथा व्यापार संचालन हेतु नगद राशि को भी जांच अधिकारियों के द्वारा जांच के दायरे में लाया जा रहा है तदउपरांत व्यापारी द्वारा नगद राशि से संबंधित बिल एवं रसीदें प्रस्तुत करने के बाद भी उनकी बातें नहीं सुनी जाती। जिससे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है तथा प्रदेश मे व्यापार के अनुकूल वातावरण नहीं बन पा रहा है।
बैठक में श्रीमती कंगाले ने उक्त समस्याओं पर सकारात्मक आश्वासन दिया है।